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21 September, 2020

अझुराइल जमाना

खेती बाड़ी से नाता टूटल सउसे खेत बटाई उठल

खायन पियन जाता छूटल भाई से बा भाई रूठल

जेकरा से पूछ$ टाइम नइखे एके भइल बहाना बा

फेसबुक-व्हाट्सअप में अझुराइल जमाना बा


देहि में धुरा लगाके पसेना घामा बहाके का होई

डीलर से मिलते बा राशन ढेर कमाके का होई

फिरी माल के लालच में लुटा गइल खजाना बा

फेसबुक-व्हाट्सअप में अझुराइल जमाना बा


बियाह सराध बेमारी के नामे धुरे धुरे बिकाता

बिगहा से काठा प आइल मनवा बढ़ले जाता

एडभांस बनेके फेरा में धरावल धइल गंवाना बा

फेसबुक-व्हाट्सअप में अझुराइल जमाना बा


खाता में मनरेगा वाला अनघा रुपया आव$ता

मुखिया जी के किरपा के सभे गुणवा गाव$ता

लउकल डारही मोटे ओनही सिर भइल नवाना बा

फेसबुक-व्हाट्सअप में अझुराइल जमाना बा


घरे घरे चहुपल सगरी हाथे हाथे बड़का मोबाइल

सेल्फी खिंचत रहेली बबुनी दे देके छोटका स्माइल

टिकटॉक भिडियो से सभे बउराइल दीवाना बा

फेसबुक-व्हाट्सअप में अझुराइल जमाना बा


अस्पताल में ना बाड़े डाक्टर स्कूल में पढ़ाई नइखे

बन भइले सरकारी नोकरी प्राइवेट में मलाई नइखे

जाति धरम प देस के टुका टुका कइल निसाना बा 

फेसबुक-व्हाट्सअप में अझुराइल जमाना बा


नकल में जिए वाला के तनिको अकल ना होखेला

सोच गुलामी अंगरेजन वाला बढ़े से आगा रोकेला

शासन उहे बिजनेस वाला हावी भइल घराना बा

फेसबुक-व्हाट्सअप में अझुराइल जमाना बा


©श्रीकांत सौरभ





2 comments:

anita _sudhir said...

वाह सटीक

शिवम कुमार पाण्डेय said...

गजब हो भाई एकदम शानदार लिखले बाड़ा 🌻