18 September, 2020

जिनगी नून तेल चाउर दाल ना ह$

बीती जाला लड़िकाई हंसी खेल में

बिना मेहरिया जवानी जाल ना ह$

बुझाला बादे जब चढ़ेला मउर माथे

हर घड़ी गोटी एकर लाल ना ह$

जिनगी के आधार ह$ गृहस्थी

बस नून तेल चाउर दाल ना ह$


दादा के भरोसे अदौरी भात

हरदम मिले ऊ थाल ना ह$

भूखे पेट कबो सहेके पड़ेला

एक निहर समय के चाल ना ह$

जिनगी के आधार ह गृहस्थी

बस नून तेल चाउर दाल ना ह$


बुझेली चिलम जेहि प चढ़ेला अंगार

खलिहा बजावे वाला गाल ना ह$

सुर ताल मातरा सीखेके पड़ेला

संगत पुगावे भर झाल ना ह$

जिनगी के आधार ह गृहस्थी

बस नून तेल चाउर दाल ना ह$


मुड़ी के पसेना एड़ी ले चुएला

खटाके मुआवे मने काल ना ह$

केतनो कमइब$ गरज पूरा होई

दोसरा प लुटावे वाला माल न ह$

जिनगी के आधार ह गृहस्थी

बस नून तेल चाउर दाल ना ह$


चूल्हि में जोराके तपेके पड़ेला

दूध में जामल कवनो छाल ना ह$

बितेला जुग त बरियार होला रिस्ता

दिन महीना घटे वाला साल ना ह$

जिनगी के आधार ह गृहस्थी

बस नून तेल चाउर दाल ना ह$


©श्रीकांत सौरभ, पूर्वी चंपारण




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